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अंक- 7 : संजना से मुलाक़ात (अध्याय का आखिरी अंक)

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अभी तक तो मैं संजना की सगाई वाली बात से उभरा भी नहीं था कि अब रिश्ते टूटने वाली बात सुनकर तो दिल बैठा जा रहा था । कल तक अपने लिए बहुत चिंता होती थी सोचता था की यह मेरे साथ क्या हो गया लेकिन मीता से बात करने के बाद सोचने लगा कि आखिर संजना के जीवन में इतना सब क्या हो गया । दिन-भर छोटी की समझाइश के बाद अभी तो मैंने निश्चय किया ही था कि , आज के बाद कभी भी संजना के बारे में नहीं सोचूंगा  । लेकिन मीता से बात करने के बाद वापस से संजना के बारे में सोचने लगा था कि आखिर उसकी जीवन में ऐसा क्या हो गया जो उसे ऐसा कदम उठाना पड़ा । सारी बीमारी , कमजोरी ना जाने कहां खो गई थी.... बस मन में इच्छा हो रही थी कि एक बार संजना से मिल लूं। लेकिन संजना से पहले मीता को मनाना बहुत जरूरी था क्योंकि वह कहीं ना कहीं यह सोचती थी कि संजना के हालत का जिम्मेदार मैं हूं । हालांकि ऐसा था नहीं लेकिन उसकी बातों से तो ऐसा ही प्रतीत होता था । मैंने झट से गाड़ी निकाली और मीता के घर जाने का फैसला किया । शुरू शुरू में मीता मुझसे मिलना नहीं चाहती थी लेकिन मीता के पति के समझाने के बाद वह मेरी बात सुनने को राजी हुई

अंक 6 : किस्मत का फैसला

मेरी किताब छपने के बाद सब कुछ बदल गया था , भले ही किताब को लोगों तक पहुंचने और   प्रसिद्ध होने में वक़्त लगा लेकिन जब-जब लोग किताब पढ़ते और उन्हें पसंद करते तो बधाई जरूर प्रेषित करते । यह वही किताब थी जिसका जिक्र मैंने कहानी की शुरुआत में किया था । एक वक्त था जब चुनिंदा लोग जानते थे , सोशल नेटवर्क मे भी गिने चुने लोग ही थे , लेकिन किताब के बाद धीरे धीरे लोग मुझे जानने और पहचानने लगे । किताब के आने से लोगों में पूछ-परख , मिलना जुलना सब बढ़ गया था । किताब ने मुझे वो सब दिया जिसकी चाहत मुझे हमेशा से थी । प्रकाशक ने मेरी किताब की 4000 प्रतियां छापी थी तो मेरे लिए यह जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि थी । किताब के प्रसिद्धि का असर और भी अन्य चीजों पर भी पढ़ने लगा ,   मेरी कंपनी वालों को अब मैं ज्यादा मेहनती लगने लगा था , किताब के छपने के बाद ही मुझे प्रमोशन दे दिया गया । और तो और मुझे पुणे की विख्यात मैगज़ीन पे एक अलग से कॉलम दे दिया था । जिस पर हर 15 दिन में मुझे एक हिंदी का लेख लिखना होता था । जिस तलाश में में पुणे आया था वो सब कुछ में मिलने लगा । अपनी जरूरत का ज्ञान और रुचि का काम पाकर ख