Something Inspirational ( संस्मरण )
ए क दिन की बात है , रोज की तंग दिनो जैसे वह दिन भी मेरा व्यस्तता से भरा हुआ था . . . . . अक्सर दिन की व्यस्तता का असर आपके कामो पर भी पड़ने लगता है उसी प्रकार मुझे भी अपने दिन की ये व्यस्तता अब बोझ ज्यादा लगाने लगी थी , मेरा मकसद अब काम को जल्द से जल्द खत्म करने का था , जल्दी-जल्दी में मुझे अपने गंतव्य की ओर बढ़ना था मैंने झटपट अपनी कार की चाबियां उठाई और चल पड़ा. . . . लोग कहते है जल्दी का काम शैतान का होता है मैं भी एक्सेलरेटर पर पॉव दबाकर कर गाड़ी दौड़ने लगा .... अभी अच्छा लग ही रहा था रस्ते भी कट रहे थे और समय भी .... चलने में इतना मग्न था कि स्पीड की लिमिट को पार कर ते जा रहा था .... लगा ता र हॉर्न पर हॉर्न बजाते जा रहा था , मनो मुझे ही दुनिया में सबसे ज्यादा काम हो .... जल्दी - जल्दी में बड़ी - बड़ी गाड़ियों को ओवरटेक करते मैं चलता जा रहा था .... बीच में कई जगहों पर रिहायसी इलाके भी पड़े पर मैं बि ना ब्रेक पर पॉ व रखे सब नि काले जा रहा था ...... तभी अचानक ........ मेरी नजर रोड पा र करते एक बच्चे पर गयी .... तेजी सी चीरती हवाओं को दौड़ती गाड़िय