Posts

Showing posts from 2020

हमारी ज़िंदगी और कोरोना

Image
नमस्कार ! ब्लॉग क्रमांक - 45 दिन - 100, आज लगभग 3 महीने हो गए , जब से कोरोना भाई साहब ने यहां पधारा हैैं । आज फिर 54  दिन बाद दोबारा उसी विषय पर लिख रहा हूं ख़ैर ये जरूरी भी हो गया था चूकिं मैंने इस पूरे विषय को वहीं पर आधा छोड़ दिया था । लॉकडाउन 1,2 और 3 के बाद अनलॉक 1 और 2 भी आ गए लेकिन दैनिक दिनचर्या में कुछ खास नहीं बदला इसलिए मैंने भी 3 मई के बाद अपनी इस श्रृंखला पे पूरी तरीके से ब्रेक लगा दिया । अब बस ये ब्लॉग उसी विषय का अंतिम स्वरूप हैं क्यूंकि ये बात मुझे भी समझ आ गई हैं कि इस कोरोना काल का आंतिम स्वरूप अनिश्चित हैं , जब मैंने ये शृंखला शुरू की थी , तब सोचा था कि ये विषय उस दिन अंत होगा जिस दिन कोरोना पूरी तरीके से समाप्त हो जाएगा । ख़ैर ये उस समय ऐसा लगता था की कुछ महीनों में ये ठीक हो जायेगा । लेकिन अब ऐसी तस्वीर , कल्पना ( imagine) भी नहीं होती । 19 मार्च को हमारे प्रदेश का पहला मरीज सामने आया था और आज 26 जून को -   हमारे प्रदेश में कुल 2456 केस आ गए , जिसमें 715 एक्टिव केस है बाकी 1729 लोग ठीक हो चुके हैं और 12 लोगों की जान जा चुकी है। देश में कुल 4,96,

Lockdown Diary Part -2 | Updated Till 3 May

Image
15 अप्रैल Lockdown Day 25 आज का पूरा दिन तो पुरानी लिखे हुए पोस्ट को पब्लिश करने में निकल गया । 24 दिन के पोस्ट का भार एक ही दिन में आएगा तो यही होगा...मैंने इसे फेसबुक पर भी Backdate का इस्तेमाल करके...एक एक दिन के हिसाब से पोस्ट कर दिया है....और अब जितने भी दिन लिखूंगा ये ब्लॉग और फेसबुक दोनों पर आता रहेगा । लेकिन अब जब ये प्रकाशित हो रहा तो बार बार सोचने पे मजबूर कर रहा की इसमें लिखूं क्या..! बार बार लिखता हूं.... बार-बार मिटाता हूं । खुद के लिए लिख रहा था तो उतना सोचना नहीं पड़ता था लेकिन अब जब ये सब पढ़ने वाले हैं तो इसे सोच समझ कर लिखूंगा । शाम को खबर आई कि कल शाम 5 बजे से अगले 3 दिन, तक कर्फ्यू रहेगा...। ख़ैर हमें क्या ही फर्क पड़ेगा...पिछले 15-20 दिनों से घर के बाहर ही नहीं निकला हूं ।  16 अप्रैल Lockdown Day 26 शाम के 6.28 हो गए, आज लूडो के चक्कर में शाम को बाहर निकलकर, आंगन में बैठना नहीं हुआ....। बड़ी देर बाद बाहर आया तो देखा पौने सात बजे तक भी, अंधेरा नहीं हुआ है । हर साल जैसी गर्मी होती तो बच्चों की आवाज आती रहती... गर्मियों के दिनों में बच्चे बाहर देर तक खेलते हैं ।लेकिन

Lock down डायरी - Part 1 (19 मार्च - 14 अप्रैल)

19 मार्च - 19 मार्च रात 8 बजे , हमारे प्रधानमंत्री टी.वी पर आये और कोरोना वायरस से निपटने के लिए 1 दिन के जनता कर्फ्यू की बात कही और पूरे देशवाशियों से ये आग्रह किया की वो सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक अपने अपने घर में ही रहे ...पहली बार देश में ऐसा कुछ होने जा रहा था । ये सब कुछ थोड़ा अचंभित कर लेने वाला था । सब कुछ सोचने जैसा था की क्या होगा , कैसे होगा , अभी तक हम में से बहुत कुछ इस वायरस को उतनी गंभीरता से नही ले रहे थे । लेकिन प्रधानमंत्री के भाषण के बाद सबके मन में एक डर सा आने लगा है। उसी ही सुबह हमारे प्रदेश का पहला कोरोना पॉजिटिव केस हमें पता चला , शहर में जैसे हड़कंप ही मच गया हों आसपास की सभी राशन दुकानों पर अचानक से भीड़ होनी शुरू हो गई । व्हाट्सएप पर फैले प्रचार में यह भी पता चला कि हमारी प्रदेश की राजधानी में 144 धारा लागू कर दी गई है इसका मतलब है कर्फ्यू । उसका असर हमारे जिले तक भी रहा , शाम होते तक हमारे यहां की भी सारी दुकानें बंद होने लगी । हम उसी ही शाम को एक दोस्त के बर्थडे पार्टी के लिए कुछ समान खरीदने जाने वाले थे , लेकिन जा नहीं सके । दुकानों को बंद