अम्मा का बर्थडे
नमस्कार ! एक लंबे समय के बाद आज ब्लॉग मे कुछ प्रेषित करने जा रहा हूँ , ऐसा नहीं हैं की पोस्ट किया गया ब्लॉग आज ही लिखा गया हैं , चूंकि मेरे लिए भी ये संभव नहीं हो पता की किसी ब्लॉग की कहानी को एक ही दिन मे लिख कर प्रेषित कर दूँ , तो ये हो सकता हैं की ये मेरी नोट-बुक मे काफी समय से रहा हों । समय की व्यस्तता के कारण शायद यह आज संभव हो पाया होगा । अब समय की व्यस्तता पे इतना कहूँगा की " आजकल हम व्यस्त रहते हुये भी व्यस्त नहीं होते " चलते हैं कहानी की ओर – हम सभी के बचपन में ऐसी कोई न कोई बात जरूर होती हैं जो हमें ताउम्र याद होती हैं । मेरी भी उम्र की एक ऐसी ही खास कहानी हैं जिसका मैं आज आपसे जिक्र कर रहा हूं । बचपन में आप सभी ने तो एक दानव दैत्य की कहानी तो पढ़ी ही होगी ....जिसमें एक दानव होता है और जिसके पास बहुत सुंदर बगीचा होता हैं..... और वह दानव उस बगीचे में बच्चों को खेलने नहीं देता है । कुछ उसी से मिलती जुलती कहानी , आज मैं आपके समक्ष कह रहा हूं हालांकि इस कहानी में कोई दानव- दैत्य तो नहीं होता हैं । मुझे आज भी याद है वो अम्मा और अंकल का घ