हिन्दी दिवस विशेष
नमस्कार ! दोस्तों आज 14 सितंबर , हिन्दी दिवस के दिन कुछ बातें आपके समक्ष कहना चाहूँगा । हिन्दी न सिर्फ एक भाषा हैं बल्कि ये एक संस्कृति हैं , धरोहर हैं हम भारतीयो के लिए । आज कहने को तो हिन्दी विश्व की चौथी सबसे बड़ी बोली जाने वाली भाषा हैं लेकिन , आज कहीं न कहीं मैंने महसूस किए हैं की हिन्दी का वर्चस्व उतना नहीं रह गया है , जितना की पहले था । और दुख का कारण यह हैं की इसका प्रमुख कारण हम ही हैं.... आजकल की ये नये-युग , हमे हिन्दी से उस तरीके से दूर कर रहे हैं जैसे की बचपन मे छूटते वो पुरानी किताबें , दिन ब दिन हिन्दी के गिरते हालत सोचने को मजबूर कर देते हैं , कुछ दिनों पहले मैंने सुना था की कुछ स्कूलों मे तो उन्होने हिन्दी भाषा पड़ाना ही बंद कर दिया.... सुन कर बहुत दुख हुआ । बुरा इस बात मे नहीं की किसी एक भाषा की प्रबल दावेदारी मे , बुरा इस बात मे हैं की अपनी मातृभाषा का खो जाने का .... खैर आज के दिवस पर मेरी आपसे एक विनम्र निवेदन हैं की आज के पूरे दिन आप जहां पर भी हो सके हिन्दी भाषा का प्रयोग करें , वैसे तो ये हमे रोज करनी चाहिए लेकिन आज का महत्व कुछ और रंग दे