लगता हैं ❤️

नमस्कार !

एक लंबे समय के बाद आज कुछ पोस्ट करने की जहमत कर रहा हूं, दरअसल वक्त भी कुछ ऐसा हैं कि अब मन नहीं करता कुछ लिखने का । ऐसा नहीं हैं की कहानियां बुनने का क्रम बंद हो गया हैं ड्राफ्ट में ऐसे कई कहानी और कविता होंगी जो आधी अधूरी लिखी पड़ी हैं पर अब उन्हें पूरा करने का दिल नहीं करता। शायद ये भी एक वक्त हैं ।

आज की कविता का विचार मुझे मेरे दोस्त की बातों से आया । बेशक ये एक हाल-ए-दिल वाला मामला है पर उनकी बातों में एक अलग ही बात होती हैं जिसने मुझे ये लिखने पे मजबूर कर दिया हैं ।

हम सब की एक ख्वाबों की दुनिया होती हैं, जिसमे हम हजार ऐसी अपेक्षाओं को बुनते हैं जो शायद वास्तविक जीवन में अस्तित्व में न आ पाए । पर फिर भी imagine (कल्पना करना) भी एक अलग दुनिया हैं भले वो आगे चलकर पूरी हो न हो पर आज उस कल्पनाओं का अलग ही मजा होता हैं ।

ऐसे ही हमारे मित्र जो हमेशा अपनी प्रेमिका के बारे में बात करते हैं, न पूछने पर भी अपने दिल का हाल सुनाते रहते हैं । उनकी बातों में ज्यादातर तो उनकी खयाली पुलाव वाली बातें होती है । जैसा वो सोचते हैं वैसा वास्तविकता में हुआ नही होता हैं, पर वो सोचते हैं की अगर हुआ होता तो ... यानि की उन्हें लगता हैं –

तो बस उनके ऐसा लगने को, मैने पंक्तियों का सहारा दिया हैं, उम्मीद करता हूं आपको पसंद आएगा –

लगता हैं ❤️

💞
तुमसे मोहब्बत होना कुछ खुदा का इरादा लगता है,
तुम्हे भूलने की बात भी सोचना, खौफ़नाक सा नजारा लगता हैं,
दिलकश निगाहों में यूं खो जाना, मुझे रोज का बहाना लगता हैं,
तुम्हारी आदाओं में निसार होना, मुझे हर पल गवारा होता हैं ।

😌
तुम संग जिंदगी बिताने का ख़्वाब देखना, परियों की कहानियों सा लगता हैं,
रोज रोज की दिनचर्या में तुमको कल्पित करना, मेरी आकांक्षाओं का ठिकाना लगता हैं,
जिंदगी के हर पल में तुमको अपने साथ पाना, मेरे सपनों का आशियाना लगता हैं,
रोज रोज तुमको ख्वाबों पे पाने की चाह रखना, मेरी खुदगर्जी का आलम लगता हैं ।

😍
तुम्हारी आंखों में खुद के लिए इश्क़ पाना, सपना सुहाना लगता है,
तुम्हारी बातों में मेरा ज़िक्र होना, किसी खूबसूरत मंजर का किनारा लगता हैं,
प्यार के दो मीठे बोल सुन पाना हो तुमसे, मेरी दिन बेहतरी का कारण लगता हैं,
तुम्हारा सहज सा होना मेरे लिए, मेरी जिंदगी का वो आईना लगता हैं ।

🌼💌
कभी लगता हैं बांध लूं उन चंद लम्हों की घड़ी, जब रूबरू तुमसे होऊं, सांसें मेरी हो थमी...

🙈
उन जुल्फो का ज़िक्र मैं क्या करूं जिन्हें हटाने का हक हर बार मांगता हैं ये दिल,
उन कहते लफ्जों को हर पल सुनने की अभिलाषा हर बार करता हैं ये दिल,
तुम्हारे साथ बिताए उन वक्तों की पुनरावृति हर बार चाहता है ये दिल,
तुम्हारे होने का एहसास हर बार महसूस करने की ख्वाहिश चाहता हैं ये दिल ।

🥺♥️
वक्त जो इतना बीत चुका हैं तुम्हारी यादों में, अब तो ये जिंदगी का अहम हिस्सा लगता हैं,
कभी यादों में तो कभी सपनो में, तुम्हारा आना जाना, किसी त्योहार सा लगता हैं,
अब ये तय करना मुश्किल सा हैं की तुम्हारा होना अच्छा हैं या ना होना...!
क्योंकि
हर पल बस तुम ही तुम करना, मुझे अपनी बरबादी का प्रयोजन लगता हैं ।



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