क्यूं जरूरी हैं....? 😌❤️

नमस्कार !

आज की ये कविता मेरे ड्राफ्ट बॉक्स में कई वर्षों से पड़ी हैं, बहुत दिनों पहले, मैने अपने दोस्त के लिए ये कविता लिखी थी । अब उनकी इजाज़त से ही मैं यह कविता पोस्ट कर रहा हूं ।

वैसे तो अक्सर मेरी कोशिश होती है कि कहानी, कविता ऐसी लिखूं जिससे की उसकी वास्तविकता उजागर न हो, पर यहां पर मैंने किसी भी प्रकार का, उस कविता को अपना स्वरूप नही दिया हैं वो जैसी थी उसे वैसे ही पोस्ट कर रहा हूं । और ऐसा करने का एकमात्र उद्देश्य है की इसका सीधा भावनाओं से जुड़ा होना ।

वो कहते हैं ना, जो बात वास्तविकता में हैं वो काल्पनिक में कहां ...!

कविता का भाव एक लड़की की तरफ़ से है...
जो अपने प्रेमी के कथन का जवाब देती हैं,

जब लड़का पूछता हैं उनसे -
क्यूं जरूरी हैं, मेरा होना तुम्हारी जिंदगी में ?

जवाब – 💌


तुमने पूछा था क्यूं जरूरी हैं....?

😌
ना जाने ये मन में कैसी बैचैनी हैं
पता नहीं क्यूं, लेकिन अब हर बात कहना जरूरी है
अब कैसे कहूं तुमसे कि तुम्हारा होना, 
तुमसे जुड़ी हर बात मेरे लिए कितना जरूरी हैं......

🥰
उन मुलाकातों से लगा नहीं था कि इतने दूर आ जाएंगे
कल के मिले, आज इतने करीब आ जाएंगे
न जाने ये तुम्हारा कैसा मोह हैं मुझपर
अब तो तुम्हारी आदत सी होने लगी हैं ।

🥺
भले वक्त लगा हो महसूस करने में
लेकिन अब तुम्हारी ऐहमियत समझने लगी हूं
तुम्हारा इस कदर लाड़ उड़ेलना क्या कम था..
जो उसकी मैं आदी हो चुकी हूं...

यूं मेरे नादानियों पर मोहब्बत करना क्या कम था...
जो तुमसे लगाव का कारण बनते जा रही हूं
..
मेरे लिए मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा बनना क्या कम था...
जो तुमसे चाहत की वजह बनते जा रही हूं ।

💝❣️
वक्त की भी अजीब परिस्थितियां हैं,
कल तक जिन चीजों से दूर भागती थी
आज उनकी ही गुज़ारिश करती हूं...
कहीं इसका असर तुम ही से तो नहीं...?

🖤
कुछ मोहब्बत कि बातें अनसुनी सी थी
उनसे मिलने की चाहत कुछ अधूरी सी थी
वो लम्हा मेरे लिए सिमेटना ज़रा मुश्किल सा था
जो आज आंखों में ख्वाब कि तरह बहता हैं

😌♥️
उस शाम को ठंडी हवाएं, आज भी जहन में कैद है मेरे
तुम्हारे साथ बिताया गया हर एक लम्हा, आज भी याद है मुझे
वो स्पर्श तुम्हारा तो आज भी मैं अनुभव कर सकती हूं
तुम्हे आज भी अपने करीब महसूस कर सकती हूं 

🙂
हर लम्हा अब ख़्वाब सा बनते जा रहा
तुम्हारे साथ बिताया हर पल एक किस्से सा बनते जा रहा 
तुम्हारी याद ही अब काफी नहीं है क्योंकि 
अब तुम्हारा होना मेरे लिए जरूरी सा हो गया है

🌼💌
वो इशारों में कहीं गई बातों को अब मैं भी जान जाती हूं
वो अप्रत्यक्ष(indirect) रूप से कहे गए शब्द, अब मैं भी समझ लेती हूं
भले होठ तुम्हारे शांत हैं, लेकिन उनकी सुगबुगाहट को मैं भी सुन पाती हूं
भले तुम कुछ न भी कहो, लेकिन तुम्हारी आंखों से, मैं सब जान जाती हूं

😉♥️
इन बीते हर साल में, सब कुछ याद करती हूं
वो चुपके से कहे लफ्जो को आज भी मैं दोहराती हूं
अब धूमिल(Fade) से होते शब्दों को कैसे बचाउं  
वो कमबख्त दोबारा कहता भी तो नहीं....!


कविता अच्छी लगे तो शेयर जरूर करें ।

धन्यवाद 🙂

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