Happy Republic Day


जो भरा नहीं है भावों से
बहती जिसमें रसधार नहीं
वह हृदय नहीं है पत्थर है
जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं

प्रिय पाठक ,

आप सभी पाठकों को 68 वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई ।

आज का इस ब्लॉग मैं अपने देश के प्रति कहना कहूँगा, हालांकि यह मेरा कोई विषय नही है..परंतु मैं समझता हूँ की एक देश का नागरिक होने के नाते मुझे इस पर संवाद करना चाहिए ।


भारत हमारा एक विशाल देश हैं, यहाँ विभिन्न धर्म, जाति, संप्रदाय के लोग यहाँ रहते है...हम अंदाज़ा भी नही लगा सकते की हमारे यहाँ कितनी भाषाये और बोलियाँ है...हर छोर पर कुछ अलग ही रंग देखने को मिलता है और यही बात हमे दूसरों से अलग बनती है । अतुल्य भारत ( Incredible INDIA )

जो बात हम मे खास है वो हैं हमारी संस्कृति,हमारी परंपरा और हमारी लोक-संस्कृति, कहीं न कहीं हम इसी लिए दुनिया भर मे विख्यात हैं, अगर मैं बात करू तो 1947 से आज तक हमारे देश ने एक बड़ा फासला तय किया है... विज्ञान से लेकर प्रोद्योगिकी, खेल शिक्षा सब मे सुधार आया है...आज हम देश के उन 5 शक्तिशाली देशो मे से है जो दुनिया के प्रभावी एवम विकासशील देशो मे गिने जाते हैं | उदाहरण के तौर पे देखे तो भारत की सक्षरता दर की बात करू तो, जब भारत आज़ाद हुआ तब साक्षारता दर केवल 20 फीसदी से भी कम थी लेकिन आज 74 फीसदी हैं । वैसे तो कहने को तो बहुत कुछ हैं पर आज मैं आप से वो साझा करना चाहता हूँ जो मैं अपने देश के लिए महसूस किए हैं

जब भी बात अक्सर देश की होती है या जब लोगों से पूछा जाता हैं की आखिर वो देश के बारे मे क्या सोचते हैं , तो ज्यादातर लोग यही बात कहते है की उनकी सरकार ठीक नही है या सोचते हैं की माहोल ही सही नही है, पर कोई ये कोई नही कहता है की हम ऐसा क्या करें की देश बदले ।

मैं समझता हूँ की हमारे पास गर्व करने को बहुत कुछ है पर हमरी कुछ अक्षमताये भी है... जिनहे हमे दूर करना बेहद जरूरी है और ये ऐसे चीजे है जिनहे हम खुद ही दूर करना होगा । और अगर मैं बात करता हूँ तो वो है हमरे देश की कुरीतियाँ और भ्रष्टाचार हैं । ये दो अक्षमताये हैं जो हमरे देश को तेजी से निगल रही है ।  
जहाँ तक मैं समझता हूँ, की भारत जैसे विशाल देश को आगे बड़ने के लिए हमे खुद जनता को ही सहयोग देना होगा और जब बात हो कुरुतियों की तो ये और ज्यादा प्रमुख हो जाता हैं । आज के हम आधुनिक जमाने के कहने वाले लोग भी आजादी की बाद भी पुरानी कुरीतियों को छोड़ नही पाये हैं .... आज भी हम हम उन्ही पुरानी कुरीतियों से जकड़े हुए हैं ।  मैं समझता हूँ की भारत एक संपरदाययिक देश है, धर्म-संस्कृति सब अपने आप मे बहुत मायने रखती है, हमे सब को साथ मे रख कर आगे बड़ना होगा...मैं समझता हूँ की सब कुछ एक ही दिन मे नही होता है लेकिन अगर हम इनके बारे मे सोचे तो और इन पर काम करे तो कुछ भी नामुमकिन नही है ।

शायद सब बातों के एक ही धागे मे पिरोना मेरे लिए मुशकिल सा होगा, अंतत: यही कहना चहूँगा की अगर देश मे बदलाव लाना चाहते है तो हमे खुद इसके लिए प्रयास करना होगा....

आज भी भ्रूण हत्या, स्त्री-शिक्षा,दहेज, बालविवाह,महिलाओ पर अत्याचार एवम गरीबी,भूकमरी और भ्रष्टाचार  जैसी बहुत सी असक्षमताये हमारे आस-पास है, जिन्हे हमे दूर करने की आवश्यकताये है ।
बस आपसे इतना ही अपील करूंगा की अपने आस-पास क्या घटित हो रहा है उसे देखिये, नज़र अंदाज़ मत कीजिये, अपने हक के लिए  लड़िए,  महिलोओ का सम्मान कीजिये और बटियो को आगे शिक्षा दिलाईये | देश का सम्मान कीजिये और अपने देश के खिलाफ कुछ बरदास्त भी मत कीजिये |अंत मे बस इतना कहना चाहूँगा हमारे देश के वीर सिपाहियों का भी सम्मान कीजिये, उनका शुक्रिया कीजिये, क्योकि मैं समझता हूँ की वो सरहद पे है तब ही आज हम खुली हवा मे सांस ले पा रहे हैं ।उनके जैसा कोई नहीं ।

उम्मीद करता हूँ की आप को मेरा यह ब्लॉग पसंद आया होगा, पसंद आया हो तो शेयर करना ना भूले ।


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धन्यवाद !

जय हिन्द, वंदे मातरम ||

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